साढ़े तीन सौ साल बाद मुगलकाल के सबसे उदार और संस्कृति फारसी के विद्वान शहजादे दारा शिकोह के कब्र को खोज लेने का दावा किया गया है. दरअसल दारा शिकोह की विरासत खोजने के लिए तीन साल पहले भारत सरकार ने एक कमेटी बनाई थी. अब उस कमेटी में शामिल केके मोहम्मद और बीआर मनी जैसे मशहूर पुरातत्वविद् ने भी दारा शिकोह के कब्र की पहचान पर सहमति दी है. दाराशिकोह की कब्र सैकड़ों साल तक क्यों गुमनामी में रही है और एक लंबे रिसर्च के बाद इसे कैसे खोजा गया. देखिए रवीश रंजन शुक्ला की एक्सक्लूसिव खबर.
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