पंजाब के कट्टरपंथी उपदेशक और “वारिस पंजाब दे” के प्रमुख अमृतपाल सिंह को आज पंजाब की सात जिलों की पुलिस ने घेर लिया है.
नई दिल्ली:
सूत्रों के मुताबिक, पंजाब के कट्टरपंथी उपदेशक और “वारिस पंजाब दे” के प्रमुख अमृतपाल सिंह को आज पंजाब की सात जिलों की पुलिस ने घेर लिया है. जालंधर के शाहकोट के गांव महेतपुर के पास अमृतपाल सिंह और उनके साथियों की पुलिस ने घेराबंदी कर रखी है. पुलिस को अमृतपाल सिंह के साहाकोट आने की पहले से सूचना थी. इसीलिए पहले से ही मोगा पुलिस ने मोगा और शाहकोट के सारे रोड बंद करके बड़ा नाका लगा दिया था. पुलिस ने उसके छह साथियों को पकड़ लिया है. ऐहतियातन, पंजाब के कई इलाकों में कल रात 12 बजे से ही इंटरनेट को बंद कर दिया गया है. सूत्रों का कहना है कि जी-20 के कारण सरकार ने अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई करने का इंतजार किया.
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अपने प्रमुख सहयोगी की गिरफ्तारी के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करअमृतपाल सिंह ने अपने कार्यकर्ता को पुलिस से छुड़ा लिया था. अक्सर सशस्त्र समर्थकों द्वारा घिरे रहने वाले कट्टरपंथी उपदेशक और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह पंजाब में कुछ समय से सक्रिय है. अमृतपाल सिंह “वारिस पंजाब दे” का प्रमुख है. यह अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिद्धू द्वारा शुरू किया गया एक कट्टरपंथी संगठन है, जिसकी पिछले साल फरवरी में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी.
NDTV से बातचीत में अमृतपाल सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके सहयोगी लवप्रीत सिंह उर्फ तूफान सिंह के खिलाफ “झूठा मामला” दर्ज किया था, इसलिए वह और सैकड़ों “वारिस पंजाब दे” समर्थक अमृतसर के अजनाला में पुलिस से मिलने गए, जहां लवप्रीत सिंह को रखा गया था. अमृतपाल सिंह ने एनडीटीवी से कहा, “मीडिया पूरे मामले को गलत तरीके से पेश कर रहा है. लवप्रीत सिंह के खिलाफ एक झूठी प्राथमिकी (F.I.R) दर्ज की गई थी. पुलिस ने लाठीचार्ज करने से पहले हमारे वाहनों को रोक दिया.” उन्होंने कहा, “अगर पुलिस ने लोगों पर लाठीचार्ज नहीं किया होता तो हिंसा नहीं होती.” उन्होंने इन आरोपों का खंडन किया कि पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए उन्होंने सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब का इस्तेमाल किया. सिंह ने कहा, “हम जहां भी जाते हैं, गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी आगे बढ़ती है.”
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