पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी.
वाराणसी:
देश में पेट्रोल और डीजल के दाम को कम हुए करीब डेढ़ साल हो गए हैं और लोगों को दाम कम होने की उम्मीद है. ऐसे में पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वाराणसी में एक कार्यक्रम में कहा कि अगर पेट्रोलियम कंपनियों का घाटा पूरा हो गया हो तो तेल के दामों को कम करना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सार्वजनिक तेल कंपनियों के पिछले घाटे को देखते हुए अभी यह लगता है कि पेट्रोल की कीमतों में जल्द कटौती होने की उम्मीद नहीं है. सार्वजनिक क्षेत्र की तीनों तेल विपणन कंपनियों- आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने पिछले 15 महीनों से पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में लागत के अनुरूप बदलाव नहीं किया है. लागत के अनुरूप कीमतें नहीं बढ़ने से इन कंपनियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है.
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हालांकि पिछले कुछ महीनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें गिरने से कंपनियों पर दबाव कुछ कम हुआ है लेकिन उन्होंने पिछले नुकसान की भरपाई के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई कटौती नहीं की है. पुरी ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि नुकसान की भरपाई हो जाने पर कीमतें कम हो जानी चाहिए.’
उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद कच्चे तेल के दाम में आए उछाल के बावजूद तेल कंपनियों ने जिम्मेदार आचरण किया और खुदरा कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की. उन्होंने कहा, ‘हमने उन्हें कीमतें स्थिर रखने को नहीं कहा था. उन्होंने खुद ही यह फैसला किया था.’
हालांकि ऊंचे दाम पर कच्चा तेल खरीदने से उनकी लागत बढ़ गई. जून 2022 के अंत में उन्हें एक लीटर पेट्रोल पर 17.4 रुपये और डीजल पर 27.2 रुपये प्रति लीटर का नुकसान उठाना पड़ रहा था.
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने 6 अप्रैल, 2022 को अंतिम बार पेट्रोल एवं डीजल की कीमतें संशोधित की थीं.
पुरी ने कहा कि कीमतें स्थिर रखने से चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में इन कंपनियों को कुल 21,201.18 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. उन्होंने कहा कि इस नुकसान की भरपाई होनी बाकी है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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